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Friday 28 December 2018


रौनक दिल मे जिनसे रहती थी,
वो आजकल कुछ नही कहती,
जो कभी सब कुछ बेबाक होकर कहती थी,

खता है हमारी भी, वक़्त अकेला दोषी नही,
बड़ी हसमुख है वो, यू ही तो नाराज होती नही,

कोई कहे उससे कि,
कितनी याद आती है उसकी यादें,
वो जूस की चुस्कियां,
वो बारिशो में भीगना,
वो हर दूसरी बात पर,
तुम्हारा एक आंख मीचना,
सब याद आता है मुझे...

याद है वो हरे सूट में मंदिर जाना,
और तस्वीरों का ढेर लेकर आना,
याद है वो पाव भाजी और छोटी छोटी इडलियां,
याद आती है जब तुम्हारी तो,
आज भी उड़ती है मन मे तितलियां...

जानता हूँ तुम उदास हो आजकल दुनिया से,
और मैं भी खड़ा साथ नही,
पर दिल से पूछना एक बार,
कि दिल मेरा भी कितना तड़पता है,
तुम्हारे लिए धड़कता था,
तुम्हारे लिए धड़कता है,
गर ना हो हँसी तुम्हारे चेहरे पर,
दिन पूरा अधूरा सा लगता है,
सुन लू तुम्हारी आवाज अगर,
तो सब कुछ पूरा लगता है....

Written by: Yogesh Jangid 
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Saturday 8 September 2018

"अब हदो के पार हूँ... "

"अब हदो के पार हूँ"


फंसा था ज़ुल्फ़-जाल में,
पड़ा था यू बेहाल मैं,
गिरा था तब निढाल मैं
तमस अति विकराल में।

Thursday 2 August 2018

चंद लम्हो का साथ और है...

चन्द लम्हो का साथ और है,
फिर मेरा यार चला जायेगा,
ले अपने संग खट्टी मीठी यादे चला जायेगा,

होता अगर बस में थोड़ा सा भी,
तो उसे हरगिज़ जाने न देते,
लेकिन छूना है उसे आसमा एक दिन,
कैसे उसे आगे बढ़ने से रोक लेते।










यूँ तो सब कुछ ही कहा मैने उसको,
पर कुछ बाते आज भी अधूरी है,

Tuesday 3 July 2018

My Poetry - "टूटा सा हूँ, बिखरा सा हूँ..."

टूटा सा हूँ, बिखरा सा हूँ,
में एक जगह तनिक ठहरा सा हूँ,

तू तो कहती थी कि, मुझ जैसा कभी कोई होगा नही,
वादा था ना तेरा तो, की तू दूर मुझसे होगा नही, 
तो क्या मैं बदल कर बेरंग हो गया,
या ये सारा जहां मुझसे ज्यादा खुशरंग हो गया,
तू तो सिर्फ मेरा था ना, 
फिर क्यों किसी और का एक अभिन्न अंग हो गया।

टूटा सा हूँ, बिखरा सा हूँ,
में एक जगह तनिक ठहरा सा हूँ।।

समझ नही आता कि कैसा मोड़ है जिंदगी का,

Tuesday 26 June 2018

Paintings with deep strong messages.

Nowadays, Art & Artists are doing their best to express their thoughts and opinions on diversified issues of the society.