Ads By Google

Showing posts with label hindi shayri. Show all posts
Showing posts with label hindi shayri. Show all posts

Saturday, 8 September 2018

"अब हदो के पार हूँ... "

"अब हदो के पार हूँ"


फंसा था ज़ुल्फ़-जाल में,
पड़ा था यू बेहाल मैं,
गिरा था तब निढाल मैं
तमस अति विकराल में।

Thursday, 2 August 2018

चंद लम्हो का साथ और है...

चन्द लम्हो का साथ और है,
फिर मेरा यार चला जायेगा,
ले अपने संग खट्टी मीठी यादे चला जायेगा,

होता अगर बस में थोड़ा सा भी,
तो उसे हरगिज़ जाने न देते,
लेकिन छूना है उसे आसमा एक दिन,
कैसे उसे आगे बढ़ने से रोक लेते।










यूँ तो सब कुछ ही कहा मैने उसको,
पर कुछ बाते आज भी अधूरी है,