चन्द लम्हो का साथ और है,
फिर मेरा यार चला जायेगा,
ले अपने संग खट्टी मीठी यादे चला जायेगा,
होता अगर बस में थोड़ा सा भी,
तो उसे हरगिज़ जाने न देते,
लेकिन छूना है उसे आसमा एक दिन,
कैसे उसे आगे बढ़ने से रोक लेते।
यूँ तो सब कुछ ही कहा मैने उसको,
पर कुछ बाते आज भी अधूरी है,