"हम लड़ेंगे साथी,
उदास मौसम के लिये,
कत्ल हुए जज्बात की
कसम खाकर,
बुझी हुइ नजरो की कसम खाकर,
हाथो पर पड़ी गाठो की कसम खाकर,
हम लड़ेंगे साथी.
जब बंदूक ना हुइ तब तलवार होगी,
जब तलवार न हुइ तब लड़ने की लगन होगी,
लड़ने का ढ़ंग न हुआ, लड़ने की जरुरत होगी,
और हम लड़ेंगे साथी...
हम लड़ेंगे क्योकि…
लड़ने के बगैर कुछ
नही मिलता,
हम लड़ेंगे कि अब तक
हम लड़े क्यो नही,
हम लडेंगे अपनी सजा
कुबुलने के लिये,
लड़ते हुए मर जाने
वालो की याद जिंदा रखने के लिये...
..... हम लड़ेंगे
साथी."
From Movie: Sadda Adda