एक राजकुमारी की आंख में कुछ समस्या हो गयी।यह समस्या थी तो मामूली सी, किन्तु चूँकि वह राजा की बेटी थी और पहली बार उसे कुछ समस्या हुयी थी, अतःउसे हल्का सा आंख का दर्द भी बहुत नागवार गुज़र रहा था।और, वह हर समय कराहती और रोती रहती थी। जब उसे कोई दवाई डालने को कहते, तो दवाई को फेंक देतीऔर बार-बार आंख को छूती थी। इस प्रकार उसकी समस्या ठीक होने के स्थान पर बढ़ती गयी और राजा बहुत परेशान हो गया।राजा ने घोषणा करवा दी कि जो भी उसकी बेटी को, राजकुमारी को, ठीक कर देगा, उसे भारी ईनाम दिया जाएगा।
कुछ समय पश्चात् एक आदमी आया जिसने अपने आपको एक प्रसिद्द चिकित्सक बताया किन्तु वास्तविकता में वह डॉक्टर था ही नहीं। उसने कहा कि वह निश्चित रूप से राजकुमारी को ठीक कर सकता था और इसलिए उसे राजकुमारी के कक्ष में उनका मुआइना करने भेज दिया गया। राजकुमारी का चेक अप करने के पश्चात् वह व्यक्ति चौंका और बोला," हे मेरे भगवान !यह तो बड़े दुःख की बात है।"
इस पर राजकुमारी बोली-- "डाक्टर साहब, क्या मैं ठीक हो जाऊंगी ? ""आपकी आंख में कोई खास समस्या तो है नहीं।वह तो ठीक हो जाएगी, किन्तु कुछ और बात है जो कि काफ़ी चिन्ताजनक है। " वह व्यक्ति बोला।
" ऐसी क्या बात है जो इतनी चिन्ताजनक है ? "
इस पर वह हिचकिचाते हुए बोला, "स्थिति सचमुच बहुत गंभीर है, राजकुमारी जी,और मुझे आपको इसके बारे में नहीं बताना चाहिए। " राजकुमारी गिड़गिडाती रही पर उस व्यक्ति ने कुछनहीं बताया।अंततः वह बोला कि महाराज यदि आज्ञा देदें तो वह बता देगा कि क्या समस्या है।जब महाराज आये तो भी उसने बताने में आनाकानी की किन्तु फ़िर महाराज ने आदेश दिया, " जो भी स्थिति हो, आप हमें स्पष्ट शब्दों में बताइए।" अन्ततः चिकित्सक बोला," ऐसा है, महाराज ! कि आँखों का दर्द ठीक होने में तो कोई समस्या नहीं है।वह तो जल्दी ही ठीक हो जाएगा।किन्तु गंभीर बात यह है कि राजकुमारी जी की जल्दी ही पूँछ निकलने लगेगी और वह पूँछ नौ मीटर लम्बी होगी। "
"जैसे ही राजकुमारी जी को आभास हो कि पूँछ निकलनी शुरू हो रही है, वे तुरंत बताएं तो मैं उसे बढ़नेसे रोकने का पूरा प्रयास करूंगा। "यह समाचार मिलते ही सब चिन्ताग्रस्त हो गए। और, राजकुमारी ने क्या किया ? वह बिस्तर पर लेट गयी और रात दिन उसका सारा ध्यान इस ओर लगा रहता था कि कहीं उसकी पूँछ तो नहीं निकल रही।
और, इस कारण कुछ ही दिनों में उसकी आंख बिलकुल ठीक हो गयी।
इससे हमें यह स्पष्ट होता है कि किस प्रकार हमअपनी छोटी-छोटी समस्याओं पर अपना पूरा ध्यान लगायेरहते हैं और अपने लक्ष्यों की अवहेलना करते रहते हैं।।छोटी-छोटी समस्याओं को राई का पहाड़ नहीं बना देना चाहिए।
तो आया समझ मे दोस्तों प्रॉब्लम को लेकर उदास ही ना बैठे रहे; बल्कि प्रॉब्लम से दिमाग हटाकर उसको खत्म करने का तरीका खोजने मे दिमाग लगायें। प्रॉब्लम अपने आप से ही खत्म हो जाएगी।
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धन्यवाद ।